India Shines in Mobile Manufacturing & Export: नई टेलीकॉम पॉलिसी से भारत को मिलेगी ग्लोबल मार्केट में नई रफ्तार
भारत मोबाइल निर्माण और निर्यात के क्षेत्र में लगातार ऊंचाइयों को छू रहा है। “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसी सरकारी पहलों की बदौलत देश मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल हब बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है। अब सरकार की नई टेलीकॉम नीति से इस प्रगति को और रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
निर्यात में रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ
2024-25 की पहली छमाही में भारत ने मोबाइल फोन के निर्यात में 25% से अधिक की ग्रोथ दर्ज की है। ऐपल, सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियां अब भारत में उत्पादन बढ़ा रही हैं, जिससे लाखों युवाओं को रोज़गार मिल रहा है।
नई Telecom Policyके फायदे:
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उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) स्कीम को और मजबूत किया जाएगा।
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हाई-स्पीड 5G नेटवर्क के विस्तार से डेटा कनेक्टिविटी और क्लाउड इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
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लोकल मैन्युफैक्चरर्स को टैक्स छूट और आसान लाइसेंसिंग का लाभ मिलेगा।
चुनौतियाँ भी मौजूद
हालाँकि भारत ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से विकास किया है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और कुछ टेक्नोलॉजिकल गैप अब भी रुकावट बने हुए हैं। सरकार इन बाधाओं को दूर करने के लिए डिजिटल इंडिया 2.0 जैसी योजनाएं शुरू कर रही है।
भारत का ग्लोबल दृष्टिकोण
नई टेलीकॉम पॉलिसी भारत को केवल मैन्युफैक्चरिंग लीडर नहीं बल्कि डिजिटल इनोवेशन का केंद्र भी बना सकती है। इसका सीधा असर डिजिटल निर्यात, 5G सर्विसेज, स्मार्ट डिवाइस निर्माण और मोबाइल ऐप्स के इकोसिस्टम पर पड़ेगा।
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