आपके किचन से सेहत पर वार! नॉनस्टिक बर्तन और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स से बढ़ रहा डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा – जानिए कैसे बचें
आज के दौर में हम अपने घरों में कई ऐसी चीजें इस्तेमाल करते हैं जो दिखने में सुविधाजनक हैं लेकिन सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। चाहे वो नॉनस्टिक कुकवेयर, वॉटरप्रूफ प्रोडक्ट्स, या प्लास्टिक के घरेलू सामान हों – ये सभी चीजें ऐसे हानिकारक केमिकल्स से भरे हैं जो हमारी सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचा रहे हैं।
PFAS केमिकल और डायबिटीज का सीधा कनेक्शन
न्यूयॉर्क स्थित माउंट सिनाई अस्पताल के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन के अनुसार, PFAS (Polyfluoroalkyl Substances) नामक केमिकल शरीर में पहुंचकर इंसुलिन नियंत्रण की प्रक्रिया को बाधित कर देता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
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जिन लोगों के ब्लड सैंपल में PFAS का स्तर अधिक था, उनमें डायबिटीज होने की आशंका 31% ज्यादा पाई गई।
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यह केमिकल शुगर मेटाबॉलिज्म और अमीनो एसिड बायोसिंथेसिस को बिगाड़ देता है, जिससे शरीर का संतुलन खराब होता है।
70,000 लोगों पर हुआ अध्ययन, मिले चौंकाने वाले नतीजे
माउंट सिनाई के शोधकर्ताओं ने 70,000 से ज्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि PFAS केवल डायबिटीज ही नहीं बल्कि मोटापा, लिवर रोग और अन्य क्रोनिक बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
डॉ. डमास्किनी वाल्वी, माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर के मुताबिक, PFAS के संपर्क में आने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बिगड़ता है, जिससे अनेक बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
प्लास्टिक प्रोडक्ट्स और दिल की बीमारी के बीच डरावना रिश्ता
एक अन्य अध्ययन NYU Langone Health, न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया। इसमें पाया गया कि फ्थैलेट (Phthalates) जैसे केमिकल्स, जो प्लास्टिक के घरेलू सामान में उपयोग होते हैं, हर दिन के संपर्क में आने से 2018 में दुनिया भर में 3.56 लाख लोगों की मौत दिल की बीमारियों से हुई।
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अकेले भारत में इस केमिकल (DEHP) की वजह से 1,03,587 मौतें हुईं।
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इसके बाद चीन और इंडोनेशिया सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहे।
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फ्थैलेट्स दिल की धमनियों में सूजन पैदा करते हैं, जो हार्ट अटैक के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है।
कैसे करें बचाव? – सेहत के लिए सतर्कता जरूरी
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नॉनस्टिक बर्तनों की जगह स्टील या कास्ट आयरन का उपयोग करें।
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प्लास्टिक प्रोडक्ट्स की जगह बायोडिग्रेडेबल या ग्लास कंटेनर का उपयोग करें।
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लेबल चेक करें और PFAS या DEHP जैसे केमिकल्स से युक्त उत्पादों से बचें।
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घर में इस्तेमाल होने वाले सर्फेस कोटिंग, वाटरप्रूफिंग उत्पादों और डिब्बाबंद खाने से बचें।
- ईको-फ्रेंडली और FDA-अप्रूव्ड विकल्प अपनाएं
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